कुबेर योग Kuber Yog
कुबेर योग
एक ऐसा योग जिसमें जातक अपने जीवन काल में धीरे धीरे धन अर्जित करता है और धनवान होता है।
ज्योतिष शास्त्र में इस योग का नाम है कुबेर योग । अगर यह योग आपकी जन्म कुंडली में हो तो निसंदेह अपने भुजबल से, अपने पराक्रम से आप सब कुछ हासिल कर सकते हैं।
कैसे बनता है यह योग?
जन्म कुंडली में पंचम भाव में देव गुरु बृहस्पति विद्यमान हो, नवम भाव में चंद्रमा विद्यमान हो और पराक्रम भाव में सूर्य विद्यमान हो तो यहां कुबेर योग बन जाता है
उदाहरण कुंडली
आइए एक उदाहरण से समझते हैं:-
चंद्रमा के सामने सूर्य होने के कारण पूर्णिमा के आसपास के चंद्रमा हो गए यानी चंद्रमा बलवान हो गए यानि पक्ष बल के बली हो गए।
अब देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि भाग्य भाव पर और लाभ भाव पर और साथ ही साथ लग्न भाव पर पड़ेगी।
पराक्रम भाव में सूर्य बैठे हैं तो तय है कि जातक निसंदेह पराक्रमी होगा।
विशेष:- किसी भी जातक के पराक्रम भाव में अगर सूर्य हो तो जातक जो ठान लेगा वही करेगा और पा लेगा
तो सीधी सी बात है जिस जातक के ज्ञान भाव में देव गुरु बृहस्पति बैठे हैं जिनका संबंध धर्म, लाभ और साथ ही साथ जातक के व्यक्तित्व के साथ हो रहा है और चंद्रमा पक्ष बली है तो यह कुबेर योग कहलाता है।
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