Nakshatra, Nakshatra Svabhav Aur Unke Swami

ज्योतिष के २७ नक्षत्र और उनके ९ स्वामी


ज्योतिष शास्त्र में विभिन्न प्रकार के नक्षत्रों का जिक्र किया गया है। ये सभी नक्षत्र जितने महत्वपूर्ण हैं उतने ही वैयक्तिक जीवन पर भी असर डालते हैं। आपको यकीन नहीं होगा लेकिन ये सच है कि जिस नक्षत्र में इंसान जन्म लेता है वह नक्षत्र उसके स्वभाव और आगामी जीवन पर अपना असर जरूर छोड़ता है। आइए जानें भिन्न-भिन्न नक्षत्रों में जन्म लेने वाले लोगों की क्या-क्या खासियत होती है।

नक्षत्र स्वभावनक्षत्रस्वामी
ज्योतिष शास्त्र में सबसे प्रमुख और सबसे प्रथम अश्विन नक्षत्र को माना गया है। जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेता है वह बहुत ऊर्जावान होने के सथ-साथ हमेशा सक्रिय रहना पसंद करता है। इनकी महत्वाकांक्षाएं इन्हें संतुष्ट नहीं होने देतीं। ये लोग रहस्यमयी प्रकृत्ति के इंसान होने के साथ-साथ थोड़े जल्दबाज भी होते हैं जो पहले काम कर लेते हैं और बाद में उस पर विचार करते हैं। ये लोग अच्छे जीवनसाथी और एक आदर्श मित्र साबित होते हैं।अशिवनीकेतु
इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह होता है, जिसकी वजह से इस नक्षत्र में जन्में लोग आराम पसंद और आलीशान जीवन जीना चाहते हैं। ये लोग काफी आकर्षक और सुंदर होते हैं, इनका स्वभाव लोगों को आकर्षित करता है। इनके जीवन में प्रेम सर्वोपरि होता है और जो भी ये ठान लेते हैं उसे पूरा करने के बाद ही चैन से बैठते हैं। इनकी सामाजिक प्रतिष्ठा और सम्मान हमेशा बना रहता है।भारिणीशुक्र
इस नक्षत्र में जन्में जातक ना तो पहली नजर में प्यार जैसी चीज पर भरोसा करते हैं और ना ही किसी पर बहुत जल्दी एतबार करते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर सूर्य का प्रभाव रहता है, जिसकी वजह से ये लोग आत्म गौरव करने वाले होते हैं। ये लोग स्वाभिमानी होने के साथ-साथ तुनक मिजाजी और बहुत उत्साहित रहने वाले होते हैं। ये लोग जिस भी काम को अपने हाथ में लेते हैं उसे पूरी लगन और मेहनत के साथ पूरा करते हैं।कृतिकासूर्य
रोहिणी नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा होता है और चंद्रमा के प्रभाव की वजह से ये लोग काफी कल्पनाशील और रोमांटिक स्वभाव के होते हैं। ये लोग काफी चंचल स्वभाव के होते हैं और स्थायित्व इन्हें रास नहीं आता। इन लोगों की सबसे बड़ी कमी यह होती है कि ये कभी एक ही मुद्दे या राय पर कायम नहीं रहते। ये लोग स्वभाव से काफी मिलनसार तो होते ही हैं लेकिन साथ-साथ जीवन की सभी सुख-सुविधाओं को पाने की कोशिश भी करते रहते हैं। विपरीत लिंग के लोगों के प्रति इनके भीतर विशेष आकर्षण देखा जा सकता है।रोहिणीचन्द्रमा
इस नक्षत्र के जातकों पर मंगल का प्रभाव होने की वजह से ये लोग काफी साहसी और दृढ़ निश्चय वाले होते हैं। ये लोग स्थायी जीवन जीने में विश्वास रखते हैं और हर काम पूरी मेहनत के साथ पूरा करते हैं। इनका व्यक्तित्व काफी आकर्षक होता है और ये हमेशा सचेत रहते हैं। अगर कोई व्यक्ति इनके साथ धोखा करता है तो ये किसी भी कीमत पर उसे सबक सिखाकर ही मानते हैं। ये लोग काफी बुद्धिमान और मानसिक तौर पर मजबूत होते हैं। इन्हें संगीत का शौक होता है और ये सांसारिक सुखों का उपभोग करने वाले होते हैं।मृगशिरामंगल
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों पर आजीवन बुध और राहु ग्रह का प्रभाव रहता है। राहु का प्रभाव इन्हें राजनीति की ओर लेकर जाता है और इनके प्रति दूसरों में आकर्षण विकसित करता है। ये लोग दूसरों का दिमाग पढ़ लेते हैं इसलिए इन्हें बहुत आसानी से बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। दूसरों से काम निकलवाने में माहिर इस नक्षत्र में जन्में लोग अपने निजी स्वार्थ को पूरा करने के लिए नैतिकता को भी छोड़ देते हैं।आर्द्राराहु
ऐसा माना जाता है कि इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति के भीतर दैवीय शक्तियां होती हैं। इनका शरीर काफी भारी और याद्दाश्त बहुत मजबूत होती है। ये लोग काफी मिलनसार और प्रेम भावना से ओत-प्रोत होते हैं। आप कह सकते हैं कि जब भी इन पर कोई विपत्ति आती है तो कोई अदृश्य शक्ति इनकी सहायता करने अवश्य आती है। ये लोग काफी धनी भी होते हैं।पुनर्वसुगुरु
ज्योतिषशास्त्र के अंतर्गत शनिदेव के प्रभाव वाले पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभ माना गया है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग दूसरों की भलाई के लिए सदैव तैयार रहते हैं और इनके भीतर सेवा भावना भी बहुत प्रबल होती है। ये लोग मेहनती होते हैं और अपनी मेहनत के बल पर धीरे-धीरे ही सही तरक्की हासिल कर ही लेते हैं। ये लोग कम उम्र में ही कई कठिनाइयों का सामना कर लेते हैं इसलिए ये जल्दी परिपक्व भी हो जाते हैं। चंचल मन वाले ये लोग विपरीत लिंग के प्रति विशेष आकर्षण भी रखते हैं। इन्हें संयमित और व्यवस्थित जीवन जीना पसंद होता है।पुष्यशनि
शास्त्रों के अनुसार यह नक्षत्र विषैला होता है और इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के भीतर भी विष की थोड़ी बहुत मात्रा अवश्य पाई जाती है। आश्लेषा नक्षत्र में जन्में व्यक्ति ईमानदार तो होते हैं किंतु मौका मिलते ही अपने रंग दिखाने से भी बाज नहीं आते। जब तक इन्हें लाभ मिलता है बस तभी तक दोस्ती निभाने वाले ये लोग दूसरों पर बिल्कुल भरोसा नहीं कर पाते।आश्लेषाबुध
इस नक्षत्र को गण्डमूल नक्षत्र की श्रेणी में रखा गया है। सूर्य के स्वामित्व के कारण ये लोग काफी ज्यादा प्रभावी बन जाते हैं। इनके भीतर स्वाभिमान की भावना प्रबल होती है और बहुत ही जल्दी इनका दबदबा भी कायम हो जाता है। ये कर्मठ होते हैं और किसी भी काम को जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करते हैं। इनके भीतर ईश्वरीय आस्था बहुत अधिक होती है।मघाकेतु
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों में संगीत और कला की विशेष समझ होती है जो बचपन से ही दिखाई देने लगती है। ये लोग नैतिकता और ईमानदारी के रास्ते पर चलकर ही अपना जीवन व्यतीत करते हैं, शांति पसंद होने की वजह से किसी भी तरह के विवाद या लड़ाई-झगड़े में पड़ना पसंद नहीं करते। इनके पास धन की मात्रा अच्छी खासी होती है जिसकी वजह से ये भौतिक सुखों का आनंद उठाते हैं। ये लोग अहंकारी प्रवृत्ति के होते हैं।पुर्वफाल्गुनीशुक्र
इस नक्षत्र में जन्में लोग समझदार और बुद्धिमान होते हैं। ये अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भरपूर प्रयास करते हैं। ये लोग निजी क्षेत्र में सफलता हासिल नहीं कर सकते इसलिए इन्हें सरकारी क्षेत्र में ही अपना कॅरियर तलाशना चाहिए। ये लोग एक काम को करने में काफी समय लगा देते हैं। अपने हर संबंध को ये लोग लंबे समय तक निभाते हैं।उतरा फाल्गुनीसूर्य
बौद्धिक, मददगार, निर्णय लेने में अक्षम, कुशल व्यवसायिक गुणों वाले ये लोग दूसरों से अपना काम निकालने में माहिर माने जाते हैं। इन्हें हर प्रकार की सुख-सुविधाएं मिलती हैं और इनका जीवन आनंद में बीतता है।हस्तचन्द्रमा
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के स्वभाव में आपको मंगल ग्रह का प्रभाव दिखाई दे सकता है। ये लोग हर किसी के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश करते हैं, इन्हें आप सामाजिक हितों के लिए कार्य करते हुए भी देख सकते हैं। ये लोग विपरीत हालातों से बिल्कुल नहीं घबराते और खुलकर मुसीबतों का सामना करते हैं। परिश्रम और हिम्मत ही इनकी ताकत है।चित्रामंगल
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक मोती के समान चमकते हैं अर्थात इनका स्वभाव और आचरण स्वच्छ होता है। ऐसा माना जाता है कि इस नक्षत्र में पानी की बूंद सीप पर गिरती है तो वह मोती बन जाती है। तुला राशि में होने की वजह से स्वाति नक्षत्र के जातक सात्विक और तामसिक दोनों ही प्रवृत्ति वाले होते हैं। ये लोग राजनीतिक दांव-पेंचों को अच्छी तरह समझते हैं और अपने प्रतिद्वंदियों पर हमेशा जीत हासिल करते हैं।स्वातिराहु
पठन-पाठन के कार्यों में उत्तम साबित होते हैं स्वाति नक्षत्र में जन्में लोग। ये लोग शारीरिक श्रम तो नहीं कर पाते लेकिन अपनी बुद्धि के प्रयोग से सभी को पराजित करते हैं। ये लोग काफी सामाजिक होते हैं जिसकी वजह से इनका सामाजिक दायरा भी बहुत विस्तृत होता है। ये लोग महत्वाकांक्षी होते हैं और अपनी हर महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत करते हैं।विशाखागुरु
इस नक्षत्र में जन्में लोग अपने आदर्शों और सिद्धांतों पर जीते हैं। ये लोग अपने गुस्से को नियंत्रित नहीं कर पाते इस कारण इन्हें कई बार बड़े नुकसान उठाने पड़ते हैं। ये लोग अपने दिमाग से ज्यादा दिल से काम लेते हैं और अपनी भावनाओं को छिपाकर नहीं रख पाते। ये लोग जुबान से थोड़े कड़वे होते हैं जिसकी वजह से लोग इन्हें ज्यादा पसंद नहीं करते।अनुराधाशनि
गण्डमूल नक्षत्र की श्रेणी में होने की वजह से यह भी अशुभ नक्षत्र ही माना जाता है। ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग तुनक मिजाजी होते है और छोटी-छोटी बातों पर लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। खुली मानसिकता वाले ये लोग सीमाओं में बंधकर अपना जीवन नहीं जी पाते।ज्येष्ठाबुध
यह नक्षत्र गण्डमूल नक्षत्र की श्रेणी का सबसे अशुभ नक्षत्र माना गया है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के परिवार को भी इसके दोष का सामना करना पड़ता है। लेकिन इनमें कई विशेषताएं भी होती हैं जैसे कि इनका बुद्धिमान होना, इनकी वफादारी, सामाजिक रूप से जिम्मेदार, आदि। इन्हें आप विद्वानों की श्रेणी में रख सकते हैं।मूलकेतु
ईमानदार, प्रसन्न, खुशमिजाज, कला, सहित्य और अभिनय प्रेमी, बेहतरीन दोस्त और आदर्श जीवनसाथी, ये सभी पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्में लोगों के खासियत होती है।पूर्वाषाढ़ाशुक्र
ये लोग काफी आशावादी और खुशमिजाज स्वभाव के होते हैं। इस नक्षत्र में पैदा होने वाले लोग नौकरी और व्यवसाय दोनों ही में सफलता प्राप्त करते हैं। ये पूरी भावना के साथ अपने मित्रों का साथ देते हैं और इसी स्वभाव के कारण इन्हें अपने मित्रों से परस्पर सहयोग और सहायता इन्हें मिलती रहती है। ये लोग काफी धनी भी होते हैं।उतराषाढ़ासूर्य
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार माता-पिता के लिए अपना सर्वस्व त्यागने वाले श्रवण कुमार के नाम पर ही इस नक्षत्र का नाम पड़ा है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों में कई विशेषताएं होती हैं जैसे कि इनका ईमानदार होना, इनकी समझदारी, कर्तव्यपरायणता आदि। ये लोग जिस भी कार्य में हाथ डालते हैं उसमें सफलता हासिल करते हैं। ये लोग कभी अनावश्यक खर्च नहीं करते, जिसकी वजह से लोग इन्हें कंजूस भी समझ बैठते हैं।श्रवणचन्द्रमा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग काफी उर्जावान होते हैं और उन्हें खाली बैठना बिल्कुल पसंद नहीं होता। ये लोग अपनी मेहनत और लगन के बल पर अपनी मंजिल हासिल कर ही लेते हैं। इन्हें दूसरों को अपने नियंत्रण में रखना अच्छा लगता है और ये अधिकार भावना भी रखते हैं। इन्हें शांतिपूर्ण तरीके से अपना जीवन जीना पसंद है।धनिष्ठामंगल
ये लोग शारीरिक श्रम में बिल्कुल विश्वास नहीं करते हैं और हर समय अपनी बुद्धि का परिचय देते हैं। इस नक्षत्र में जन्में लोग स्वच्छंद विचारधारा के होते है अत: साझेदारी की अपेक्षा स्वतंत्र रूप से कार्य करना पसंद करते हैं। ये लोग उन्मुक्त विचारधारा के होते हैं और मशीनी तौर पर जीना इन्हें कतई बरदाश्त नहीं होता। ये अपने शत्रुओं पर हमेशा हावी रहते हैं।शतभिषाराहु
गुरु ग्रह के स्वामित्व वाले इस नक्षत्र में जन्में जातक सत्य और नैतिक नियमों का पालन करने वाले होते हैं। दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहने वाले ये लोग बहुत अधिक व्यवहार कुशल और मिलनसार कहे जा सकते हैं। ये लोग आध्यात्मिक प्रवृत्ति के तो होते ही हैं साथ ही साथ ज्योतिष के भी अच्छे जानकार कहे जाते हैं।पूर्वाभाद्रपदगुरु
इस नक्षत्र में जन्में लोग हवाई किलों या कल्पना की दुनिया में विश्वास अहीं करते। ये लोग बेहद यथार्थवादी और हकीकत को समझने वाले होते हैं। व्यापार हो या नौकरी, इनका परिश्रम इन्हें हर जगह सफलता दिलवाता है। इनके भीतर त्याग भावना भी बहुत ज्यादा होती है।उतरा भाद्रपदशनि
रेवती नक्षत्र में जन्में जातक बहुत ईमानदार होते है और इस कारण ये किसी भी रूप में धोखा नहीं दे सकते। परंपराओं और मान्यताओं को लेकर ये लोग काफी रूढ़िवादी होने के बावजूद अपने व्यवहार में लचीलापन रखते हैं। इनकी शिक्षा का स्तर काफी ऊंचा होता है और अपनी सूझबूझ से ये बहुत सी मुश्किलों को हल कर लेते हैं।रेवतीबुध

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