राशि तत्व Rashi Tatva

🙏नमस्कार  प्रिय पाठकों 

राशि तत्व:-
चार राशिचक्र तत्व बुनियादी चरित्र गुणों, भावनाओं, व्यवहार और सोच पर गहरा प्रभाव डालते हैं। चार राशिचक्र तत्व में से प्रत्येक तत्व हमारे भीतर कार्यरत होता है और हर तत्व एक ऊर्जा का प्रतिनिधित्व हैं। हर ऊर्जा के प्रतिनिधित्व को समझकर सभी सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करके व्यक्ति के सकारात्मक गुणों को समझ पाने में ज्योतिष शास्त्र हमारी मदद करता  है।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में १२ राशियों को चार भागों में बांटा गया है। इनमें १.अग्नि तत्व
२. पृथ्वी तत्व
३. वायु तत्व
४. जल तत्व

अग्नि तत्व राशि :-   १.मेष २.सिंह ३.धनु 
इस राशि के जातक भावुक, गतिशील और मनमौजी होते हैं और इन्हें जल्दी ही ग़ुस्सा आ जाता है। अग्नि राशि के जातक साहसी, ऊर्जावान और आदर्शवादी होते हैं। अग्नि तत्व वाले जातक दृढ़ इच्छा शक्ति वाले, कर्मशील और गतिशील रहते हैं। अग्नि के समान ज्वाला भी इनमें देखी जा सकती है और हर कार्य में अत्यधिक जल्दबाज भी होते हैं।

पृथ्वी तत्व राशि :-   १.वृषभ २.कन्या ३.मकर  
पृथ्वी राशि के जातक ज़मीन से जुड़े हुए, व्यवहारिक और विश्वास योग्य होते हैं। इस राशि ते जातकों को भौतिक चीज़ों से लगाव होता है।
जातक पृथ्वी के समान ही सहनशील होता है,मेहनती होता है, जमीन से जुड़ा होता है,धैर्य भी बहुत रहता है, संतोषी होता है तथा व्यवहारिक भी होता है। सांसारिक सुख चाहता है लेकिन समस्याओं के प्रति उदासीन रहता है।

वायु तत्व राशि :-  १.मिथुन २.तुला ३.कुंभ 
इस राशि के जातक बुद्धिजीवी, मिलनसार, विचारक, और विश्लेषक होते हैं। वायु राशि के जातकों को पुस्तक पढ़ने में आनंद आता है।
इस राशि का जातक वायु की तरह हवा में बहुत बहता है अर्थात अत्यधिक विचारशील होता है, सोचना अधिक लेकिन करना कम। कल्पनाशील बहुत होता है लेकिन इन्हें बुद्धिमान भी कहा जाएगा. अनुशानप्रिय होने के साथ विचारों को हवा बहुत देते है। मन के घोड़े दओड़ते ही रहते हैं।

जल तत्व राशि :-   १.कर्क २.वृश्चिक ३.मीन
इस राशि के जातक भावनात्मक एवं संवेदनशील होते हैं और इनकी स्मृति शक्ति तीक्ष्ण होती है और अपने प्रियजनों के लिए की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। यह अत्यधिक भावुक तथा संवेदनाओं से भरे हुए रहते हैं. शीघ्र ही बातों में आने वाले होते हैं और खुद भी बातूनी होते हैं. स्वभाव से लचीले होते हैं और जिसने जो कहा वही ठीक है, अपने विचार इसी कारण ठोस आधार नहीं रखते हैं:-मित्र प्रेमी होते हैं और स्वाभिमान भी इनमें देखा जा सकता है.।

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