राशियों और ग्रहों के गुण स्वभाव Rashiyo Aur Graho ke Gun Swabhav
प्रिय पाठकों नमस्कार 🙏
आज हम राशियों की दिशा और उनके 3 गुण के बारे में जानेंगे
ज्योतिष शास्त्र में राशियों को गुण भी बताए गए है।
तीन गुण :-
१. सतोगुण
२. रजोगुण
३. तमोगुण
राशियों के गुण :-
सतोगुण :- कर्क, सिंंह, धनु और मीन
रजोगुण :- मेष, वृृश्चिक, वृषभ और तुला
तमोगुण :- मिथुन, कन्या, मकर और कुंभ
वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के भी गुण स्वरूप है:-
सतोगुण :- सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति
रजोगुण :- बुध और शुक्र
तमोगुण :- मंगल और शनि
ग्रहों के गुण के लिए ग्रह कुंडली के जिस भाव में बैठे है उस भाव सम्बंधित गुणों को देखा जाता है अर्थात यदि कोई ग्रह पिता के भाव में है तो उस ग्रह सम्बंधित गुणों से पिता के गुण स्वरूप की विवेचना यदि कोई ग्रह पत्नी के भाव में है तो उस ग्रह सम्बंधित गुणों से पत्नी के गुण स्वरूप की व्याख्या की जाती है
सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण के जातक का स्वभाव :-
सतोगुण :- जो सत्य के निकट रहते हैं जो इस भाव में अधिक रहते हैं कि यह सब छोड़ कर जाना है क्या व्यर्थ की भागदौड़ में अधिक मरना सच्चे छल कपट कम शीघ्र झुकते नहीं सबसे निफ्टी नहीं बहुत संवेदनशील हो सकते हैं।
रजोगुण :- जो अपने हित के लिए फट से राजी हो जाए या कैसे भी करके दूसरे को राजी कर ले और अपना काम बना ले धूर्त भी हो सकते हैं व्यवहारिक होते हैं ढेर सारे मित्र होते हैं सब से निभा लेते हैं काम बना लेते हैं सतोगुण इसे कम संवेदनशील होते हैं।
तमोगुण :- स्वयं के प्रति अति संवेदनशील होंगे दूसरे के प्रति संवेदनशीलता सबसे कम होगी। दूसरे की गर्दन भी कट जाए तो भी गम नहीं करेंगे स्वयं की चुभी सुई भी जीवन भर स्मरण रहेगी।
राशियों के गुण स्वरूप और ग्रहों के गुण स्वरूप अलग अलग देखा जाता है। इन्हें एक साथ मिलाकर ना देखें।
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