तत्व निर्धारण बताते हैं राशियों के गुण-दोष Tatav Nirdharan Dwara Rashio Ke Gun/dosh
प्रिय पाठकों नमस्कार 🙏
तत्व निर्धारण - राशियों के गुण दोष
वैदिक ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार अग्नि, पृथ्वी, वायु और जल रूपी चार तत्वों के अनुसार १२ राशियों को ३-३ राशि के चार समूहों में बांटकर उसका तत्व निर्धारित करते हैं।
पहली त्रिकोण राशियों मेष, सिंह, धनु का तत्व अग्नि है। अग्नि में रूप परिवर्तन की क्षमता होती है। अतः अग्नि तत्व प्रधान राशियों में क्रियात्मक शक्ति का समावेश होता है।
दूसरी त्रिकोण राशियों वृष, कन्या और मकर का तत्व पृथ्वी है। पृथ्वी में यथार्थता का गुण होता है। अतः पृथ्वी तत्व प्रधान राशियां भौतिकता प्रिय एवं पूर्ण सांसारिक होती हैं।
तीसरी त्रिकोण राशियों मिथुन, तुला एवं कुंभ का तत्व वायु है। इसमें चचंलता, अनिश्चय एवं बुद्धिमता का गुण है। अतः वायु-तत्व प्रधान राशियां परिवर्तन प्रिय एवं मानसिक रूप से सबल एवं प्रभावशाली होती हैं।
चौथी त्रिकोण राशियों कर्क, वृश्चिक एवं मीन का तत्व जल है।जल तत्व में ग्रहण करने की क्षमता होती है, इसलिए जल तत्व प्रधान राशियों में आत्मविश्लेषण, खोज एवं ग्रहण करने का विशेष गुण होता है।
ऐसे जान सकते हैं अपने संबंध :-
राशियों के तत्वों के आधार पर ही पति-पत्नी, प्रेमी-प्रेमिका, मित्रों का पारस्परिक कैसा संबंध रहेगा, मित्रता होगी या शत्रुता आदि पर विचार किया जाता है। प्रत्येक राशि का जो तत्व होता है, उसके आधार पर ही राशियों में परस्पर शत्रुता, मित्रता और अधिमैत्री का निर्णय होता है।
प्रत्येक तत्व के शत्रु, मित्र और अधिमित्र तत्व हैं :-
तत्व | अधिमित्र | मित्र | शत्रु |
---|---|---|---|
अग्नि तत्व | वायु तत्व | पृथ्वी तत्व | जल तत्व |
पृथ्वी तत्व | जल तत्व | अग्नि तत्व | वायु तत्व |
वायु तत्व | अग्नि तत्व | जल तत्व | पृथ्वी तत्व |
जल तत्व | पृथ्वी तत्व | वायु तत्व | अग्नि तत्व |
उदाहरणार्थ :-
जैसे मान लीजिए किसी की राशि धनु है, तो उसके लिए कौन-कौन-सी राशियां अधिमित्र, मित्र, शत्रु है, यह जान सकते हैं. तत्वों के आधार पर पता चलता है कि धनु राशि का तत्व अग्नि है. फलतः धनु राशि के लिए वायु तत्व की राशियां अधिमित्र, पृथ्वी तत्व की राशियां मित्र एवं जल तत्व प्रधान राशियां शत्रु हैं.
अतः स्पष्ट है धनु राशि वाले जातकों के लिए मिथुन, तुला, कुंभ राशियां अधिमित्र, वृष, कन्या, मकर राशियां मित्र एवं कर्क, वृश्चिक, मीन शत्रु हैं. इसी प्रकार आप किसी भी राशि के लिए अधिमित्र, मित्र एवं शत्रु राशियों के बारे में जानकारी ले सकते हैं.
रात्रिबली और दिनबली राशियां :-
रात्रिबली :- यदि जातक का जन्म रात में हो और लग्न में रात्र बली राशियां हो या चंद्रमा की राशि रात्रिबली हो तो जातक का भविष्य अच्छा होगा।
राशि चक्र में मेष, वृष, मिथुन, कर्क, धनु, मकर ये छह राशियां रात्रिबली हैं। रात्रिबली राशियों पर चंद्रमा का विशेष प्रभाव रहता है।
दिनबली :- यदि जातक का जन्म दिन मेंं हो और लग्न में दिनबली राशियां हो या चंद्रमा की राशि दिन बली हो तो जातक का भविष्य अच्छा होगा।
सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, कुंभ, मीन ये छह राशियां दिनबली हैं।
इन पर सूर्य का विशेष प्रभाव रहता है।
राशि रंग स्वामित्व :-
मेष राशि का लाल वर्ण
वृष राशि का श्वेत
मिथुन राशि का हरा
कर्क राशि का रक्त, श्वेत, गुलाबी
सिंह राशि का नारंगी, कत्थई
कन्या राशि का पीला, काला-हरा मिश्रित
तुला राशि का नीला
वृश्चिक राशि का स्वर्ण
धनु राशि का पीला
मकर राशि का चितकबरा (पीत श्वेत), नीला आकाश सदृश
मीन राशि का मटमैला सफेद होता है
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